February - 07

आज कि हदीस
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ीयल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया: जब जन्नत के बाग़ों पर गुज़रो तो ख़ूब चरो । सहाबा: ने अ़र्ज़ किया: या रसूलुल्लाह ! जन्नत के बाग़ क्या हैं ? इर्शाद फ़रमाया: ज़िक्र के हल्के़ । (तिर्मिज़ी: 3510)
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